..हैं वो नाराज़ तो नाराज़ रहें..
..ये महोब्बत नहीं जो सालों-साल रहें..
..बिकता हैं तो बिक जाएं वो भी किसी बाज़ार में..
..ये लफ़्ज़ नहीं जो मँहगें किताब में रहें..!
..नितेश वर्मा..
..ये महोब्बत नहीं जो सालों-साल रहें..
..बिकता हैं तो बिक जाएं वो भी किसी बाज़ार में..
..ये लफ़्ज़ नहीं जो मँहगें किताब में रहें..!
..नितेश वर्मा..
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