Sunday, 22 June 2014

हाशमी तुमसा कोई देखा नहीं कही

कोई बैड-ब्याँय तो कोई घनचक्कर समझता हैं
द-किलर का हैं वो शंहशाह ये दुनियां समझता हैं

रूठता नहीं वो किसी के बातों से
दिया हैं दिल तो सब समझता हैं
दिल हैं उसका जन्नत ये ज़हर कहता हैं

फूट-पाथ पे बिताएं हैं रातें कई
मर्डर के सीरीज़ दिखाएं हैं कई
अक्सर रस से गुजरता हैं वो
दिल तो बच्चा हैं समझता हैं वो

आशिक बनाया आपने कहते हैं सब
दिलों पे हैं जमाया राज कहतें हैं सब
अवारापन की जो बातें बताई हैंरा हैं सब

कैसे हो इतनें शातिर
हाशमी तुमसा कोई देखा नहीं कही
आज राजा नटवरलाल तुम्हें कहतें हैं सब.

..नितेश वर्मा..


No comments:

Post a Comment