यूं निकालकर रख दिया है दिल तेरे सामने
ये वाजिब है.. अब के तेरा फिर लौट जाना।
यूं मुकर कर जाना तेरा फिरसे ग़लत होगा
ये मुमकिन नहीं अब मेरा फिर लौट जाना।
नितेश वर्मा
#Niteshvermapoetry
ये वाजिब है.. अब के तेरा फिर लौट जाना।
यूं मुकर कर जाना तेरा फिरसे ग़लत होगा
ये मुमकिन नहीं अब मेरा फिर लौट जाना।
नितेश वर्मा
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