हर शाम हवाएं बहकर सुकूँ दे जाती हैं
बारिश की हर बूंद ज़ज्बात दे जाती हैं
बरसते है इन आँखों से कई और नूर
मग़र ये ख्याल तेरी तस्वीर दे जाती हैं
तुम आसमां के सितारों में आते हो नज़र
तुम्हारी मुस्कान वो इक चमक दे जाती है
करवटों पे भी बहकी आँखें खुल जाती है
थीं मुहब्बत की कसम आवाज़ दे जाती है
लबों के करीब है ना-जाने और कितने नाम
तुम्हारी साथ वो मुक्कमल किताब दे जाती है
बस अब इक बहानें का इंतज़ार है वर्मा
भर-लूं बाहों में ग़र वो हाथ दे जाती हैं
नितेश वर्मा
बारिश की हर बूंद ज़ज्बात दे जाती हैं
बरसते है इन आँखों से कई और नूर
मग़र ये ख्याल तेरी तस्वीर दे जाती हैं
तुम आसमां के सितारों में आते हो नज़र
तुम्हारी मुस्कान वो इक चमक दे जाती है
करवटों पे भी बहकी आँखें खुल जाती है
थीं मुहब्बत की कसम आवाज़ दे जाती है
लबों के करीब है ना-जाने और कितने नाम
तुम्हारी साथ वो मुक्कमल किताब दे जाती है
बस अब इक बहानें का इंतज़ार है वर्मा
भर-लूं बाहों में ग़र वो हाथ दे जाती हैं
नितेश वर्मा
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