Sunday, 3 August 2014

..थोडे ही ना.. [Thode Hi Naa]

#ले के हम मर जाऐंगे थोडे ही ना
दिल ही हैं
चोरी करके जाऐंगे थोडे ही ना

#बहोत पुरानी यादें-किताबी थीं उसकी
जाकर कह दो उसे
पढने के बाद लेके जाऐंगे थोडे ही ना

#चेहरा चाँद से भी कई ज़्यादा खूबसूरत निकला
प्यार ही बताया हैं
लेके तुम्हें मर जाऐंगे थोडे ही ना

#होंठों पे उसके तब-भी एक ही धुन सवारं रहती थीं
मरता हैं मुझपे तो मरें
डोली-सज के घर उसके जाऐंगे थोडे ही ना

#कहते थे जो लोग हम कुछ कहेंगे ही नहीं
क्या लगता था उन्हें
सुनें बिना हम मर जाऐंगे थोडे ही ना

#अच्छा हैं हम भलों की महफ़िल से ना गुजरे कभी
समाजी बकवास, सियासती राज़, कानूनी ठाठ
मेरें बाप की कौन जागीर हैं लेके जाऐंगे थोडे ही ना

नितेश वर्मा

No comments:

Post a Comment