आँखों में धूल, चेहरें पर दाग़
शुकर तेरा बारिशों में सब धूल गया
घर के बच्चें, उमर का बोझ
शुकर तेरा मौत में सब भूल गया
हाथों में कलम, सौदों का ख्वाब
शुकर तेरा तस्वीरों में सब झूल गया
ठिठकतें रहे कदम, संभलते चले राह
शुकर तेरा सज़दे में सब शूल गया
जले हुएं राख, पंडितों की बात
शुकर तेरा मुहब्बत में सब कूल गया
..नितेश वर्मा..
शुकर तेरा बारिशों में सब धूल गया
घर के बच्चें, उमर का बोझ
शुकर तेरा मौत में सब भूल गया
हाथों में कलम, सौदों का ख्वाब
शुकर तेरा तस्वीरों में सब झूल गया
ठिठकतें रहे कदम, संभलते चले राह
शुकर तेरा सज़दे में सब शूल गया
जले हुएं राख, पंडितों की बात
शुकर तेरा मुहब्बत में सब कूल गया
..नितेश वर्मा..
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