Sunday, 3 August 2014

..क्या.. [Kya]

देखो मेरा वो अब हो गया क्या
साथी मेरा मुझमे सो गया क्या

चैंन की साँसें अब लेते हो क्या
प्यासें हो तो पानी पीते हो क्या

बातें मेरी तुम भी पढते हो क्या
आँखों में कशिश रखते हो क्या

कैसे हो अब तुम बताओगे क्या
हाल-ए-दिल अब सुनाओगे क्या

ज़िन्दगी ने हैं तुम्हें सताया क्या
हार है यह किसी ने दिखाया क्या

मानोगें तुम अब मेरा कहना क्या
मेरें हाथों मे हाथ तुम दोगे क्या

तेरे यादों में भी हूँ मैं अभ्भी क्या
आता हूँ हर- रात ख्वाबों में क्या

अब तुम्हें मैं कभी छू पाऊँगा क्या
मर के ऐसे ही मैं रह जाऊँगा क्या

नितेश वर्मा

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