दिल था जो बदनाम मेरे काम का मिला
मैंनें जो हाथ छुडाया खंज़र इनाम का मिला
मेरे बारें में ना जिक्र किया करो तुम
हर्श बेहर्श मैं कैसे तेरे जाम का मिला
बहोत की कोशिशें और फिर नाकारा गया मैं
धूँधली आँखें और बेसबर रस्ता शाम का मिला
टटोल के जो देखा ता-उम्र खुद में मैनें
बताया था जो तुमनें नाम राम का मिला
अवारें गलियों से भी अब वो गुजरते नही
हुआ था क्या जो वो उस अंज़ाम का मिला
नितेश वर्मा
मैंनें जो हाथ छुडाया खंज़र इनाम का मिला
मेरे बारें में ना जिक्र किया करो तुम
हर्श बेहर्श मैं कैसे तेरे जाम का मिला
बहोत की कोशिशें और फिर नाकारा गया मैं
धूँधली आँखें और बेसबर रस्ता शाम का मिला
टटोल के जो देखा ता-उम्र खुद में मैनें
बताया था जो तुमनें नाम राम का मिला
अवारें गलियों से भी अब वो गुजरते नही
हुआ था क्या जो वो उस अंज़ाम का मिला
नितेश वर्मा
No comments:
Post a Comment