Thursday, 21 August 2014

इंतज़ार [Intezaar]

..मासूम सी इक रात बहकी सुबह का इंतज़ार..
..थम जाएं आँखें बस मौत का गहरा इंतज़ार..

..ले चली थीं जो बातें बहा-कर हवाओं ने..
..साँसें रूकी पडी है जाने कैसा है इंतज़ार..

..मैं मुक्कमिल था शायद किताबों का हिसाब रहा..
..बीत गया वो लम्हात था जिसका कबसे इंतज़ार..

..कैसे बनाया था हमनें अपनें पुरानें मकानों को..
..जैसे टूटा इक नाव जिसे हो मेरा इंतज़ार..

..अब तौलते-तौलते इक रही उमर गुजर गयीं..
..बीतता था दिन कैसे चाँद का था इंतज़ार..

..नितेश वर्मा..

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