बहोत सताती थीं उसकी हर वो यादें पुरानी
निकाला डायरी और पन्नें जलाएँ जा रहा हूँ
तय हुआ जो बँटवारा तौबा बच्चे लडने लगें
निकाला दीया और मकानें जलाएँ जा रहा हूँ
तुम सुनोगे तो बातें बनाओगें ही मेरे हबीब
ज़िंदा लाश था समेटा और जलाएँ जा रहा हूँ
सुने हैं के मेरे बात को भी वो गलें नहीं लगाता
निकाला तमन्चा और ता-शहर जलाएँ जा रहा हूँ
माँगनें से मिलता हैं यहाँ जबरन लूटना पडता हैं
पढा था जो किताबी-समाज़ी अब जलाएँ जा रहा हूँ
फाड के फेंक दो लिक्खी ये ग़ज़ले तुम्हारी वर्मा
लिक्खा हैं सिर्फ़ खून ही खून जलाएँ जा रहा हूँ
नितेश वर्मा
निकाला डायरी और पन्नें जलाएँ जा रहा हूँ
तय हुआ जो बँटवारा तौबा बच्चे लडने लगें
निकाला दीया और मकानें जलाएँ जा रहा हूँ
तुम सुनोगे तो बातें बनाओगें ही मेरे हबीब
ज़िंदा लाश था समेटा और जलाएँ जा रहा हूँ
सुने हैं के मेरे बात को भी वो गलें नहीं लगाता
निकाला तमन्चा और ता-शहर जलाएँ जा रहा हूँ
माँगनें से मिलता हैं यहाँ जबरन लूटना पडता हैं
पढा था जो किताबी-समाज़ी अब जलाएँ जा रहा हूँ
फाड के फेंक दो लिक्खी ये ग़ज़ले तुम्हारी वर्मा
लिक्खा हैं सिर्फ़ खून ही खून जलाएँ जा रहा हूँ
नितेश वर्मा
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