..दिखाया जो सपना मैनें सब झूठा लगता हैं..
..करते हैं बच्चें सवाल जीना अब झूठा लगता हैं..
..किसी अंज़ान मोड पे जाकर वो जो मिलता हैं..
..कहते हैं सब खुदा जिसे शख्स झूठा लगता हैं..
..अब मैं ही मेरे तौहीन ही क्या माफी करूँ..
..बिगडा हूँ, कमज़र्फ़ नहीं कहना झूठा लगता हैं..
..सारी अदावतों को संभाल के जो रक्खा था मैनें कभी..
..उसने माँगा जो हिसाब-ए-किताब दिखाना झूठा लगता हैं..
..कह के बस अब तडप उठता हूँ हर-वक्त मैं..
..मनाना था जिसे मुहब्बत में अब झूठा लगता हैं..
..कैसी-कैसी उल्झनें हैं इस ज़िन्दगी में अब वर्मा..
..जिन्दगी अच्छी ना हो तो मौत झूठा लगता हैं..
..नितेश वर्मा..
..करते हैं बच्चें सवाल जीना अब झूठा लगता हैं..
..किसी अंज़ान मोड पे जाकर वो जो मिलता हैं..
..कहते हैं सब खुदा जिसे शख्स झूठा लगता हैं..
..अब मैं ही मेरे तौहीन ही क्या माफी करूँ..
..बिगडा हूँ, कमज़र्फ़ नहीं कहना झूठा लगता हैं..
..सारी अदावतों को संभाल के जो रक्खा था मैनें कभी..
..उसने माँगा जो हिसाब-ए-किताब दिखाना झूठा लगता हैं..
..कह के बस अब तडप उठता हूँ हर-वक्त मैं..
..मनाना था जिसे मुहब्बत में अब झूठा लगता हैं..
..कैसी-कैसी उल्झनें हैं इस ज़िन्दगी में अब वर्मा..
..जिन्दगी अच्छी ना हो तो मौत झूठा लगता हैं..
..नितेश वर्मा..
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