Wednesday, 23 July 2014

..अब दिखता नहीं..

..आँखों में कल जो देखा था उसकें..
..था जो तस्वीर मेरा अब दिखता नहीं..

..फेर लेती थीं मेरी हर शरारत पे आँखें जो..
..आज़ आँखों में आँख थीं प्यार अब दिखता नहीं..

..देख मुझे सीनें को जो लग जाती थीं..
..आज़ है मीलों दूर खडी साया भी अब दिखता नहीं..

..हाथों में हाथ दे जो चलती थीं बिन कुछ कहें..
..आज़ रास्तों-रास्तों पे सवाल हैं मुहब्बत अब दिखता नहीं..

..माना गलती थीं मेरी जो हुई थीं ये बातें सारी..
..मगर सीनें में था जो प्यार क्या अब दिखता नहीं..

..अब किस्सा भी किस बात का सुनाऊँगा मैं वर्मा..
..मेरी बातों में जो थीं आँखों में अब दिखता नहीं..

..नितेश वर्मा..

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