..हर चिरयैं को जैसे आसमानों में सुकूं मिलता हैं..
..तुम्हारें तस्वीरों को छूनें पे मुझे वो सुकूं मिलता हैं..
..मैं भटकता रहता हूँ कहाँ तेरी यादों में कहीं..
..ये आशिकी जुनूं हैं जो के तेरे रूह से मिलता हैं..
..जैसे सबनें अपनें मेहर को दिल में सजाया हैं..
..कोई पूछ ले पता तेरा कह दूं वो दिल में मिलता हैं..
..सयाना जमाना था तो हम भी कम कहां थें जान..
..माँगा जो तस्वीर तेरा कहा वो ख्वाबों में मिलता हैं..
..अब जब तुम ही ना राज़ी हुएं तो क्या कहता मैं..
..हुआ सरेआम जो कहा कभी भला चाँद भी मिलता हैं..
..मेरे आँखों में जो वो देखते हैं एक दर्द वर्मा..
..कहते हैं ना जानें क्यूं हर वक्त उदास मिलता हैं..
..नितेश वर्मा..
..तुम्हारें तस्वीरों को छूनें पे मुझे वो सुकूं मिलता हैं..
..मैं भटकता रहता हूँ कहाँ तेरी यादों में कहीं..
..ये आशिकी जुनूं हैं जो के तेरे रूह से मिलता हैं..
..जैसे सबनें अपनें मेहर को दिल में सजाया हैं..
..कोई पूछ ले पता तेरा कह दूं वो दिल में मिलता हैं..
..सयाना जमाना था तो हम भी कम कहां थें जान..
..माँगा जो तस्वीर तेरा कहा वो ख्वाबों में मिलता हैं..
..अब जब तुम ही ना राज़ी हुएं तो क्या कहता मैं..
..हुआ सरेआम जो कहा कभी भला चाँद भी मिलता हैं..
..मेरे आँखों में जो वो देखते हैं एक दर्द वर्मा..
..कहते हैं ना जानें क्यूं हर वक्त उदास मिलता हैं..
..नितेश वर्मा..
No comments:
Post a Comment