Thursday, 31 July 2014

..कैसे कहतें हैं लोग के हमपे मरते हैं लोग..

..कैसे कहतें हैं लोग के हमपे मरते हैं लोग..
..दिन गुजर जाता हैं और रात करते है लोग..

..पूछा जो मैनें नसीब चौराहें के फकीरों से..
..वो हतप्रभ आज भी इनपे यकीं करते हैं लोग..

..नितेश वर्मा..

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