Tuesday, 1 July 2014

..पर बहकाता हैं कोई..

..हर वक्त आता हैं कोई..
..मुश्किल हैं कहना..
..पर बहकाता हैं कोई..

..मैं जुल्फ़ें संवारूं..
..खुद को रिझांऊ..
..सपनों में आकें मेरे..
..परिशां कर जाता हैं कोई..

..होता हैं क्या..
..कैसे कहूँ..
..हाथों में हाथ..
..दे जाता हैं कोई..

..हर वक्त आता हैं कोई..
..मुश्किल हैं कहना..
..पर बहकाता हैं कोई..!

..नितेश वर्मा..

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