Saturday, 12 July 2014

Nitesh Verma Poetry

[1] ..सब जो हैं ढूँढें वो ढूँढतें रह जाऐगा..
..खुदा हैं दिल में दिल से देख..
..दिल में मिल जाऐगा..!

[2] ..मुझे कहीं और ढूँढनें की जरूरत नहीं..
..अपनें अक्स में देख मेरा अक्स मिल जाऐगा..!

[3] ..आज़ भी वो चोटे बाकी हैं..
..दिल पे जो लगा गया था..
..वो इक अरसां पहले..!

..नितेश वर्मा..

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