Thursday, 24 July 2014

..अगर तुम कहो..

..थें जो कल रात ख्वाबों में नैंन तेरे..
..तेरा अपना हो जाऊँ अगर तुम कहो..

..बातों पे पहरा वो मुहब्बत का चेहरा..
..तेरा ग़ज़ल हो जाऊँ अगर तुम कहो..

..रूठा-रूठा सा हैं ये नज़राना तेरा..
..गलें से लग जाऊँ अगर तुम कहो..

..तेरे मखमली चेहरें की क्या तारीफ..
..लबों को छूं जाऊँ अगर तुम कहो..

..कैसे डूबें पडे हैं तेरे होश में ये होश गुम..
..तेरा दुपट्टा हो जाऊँ अगर तुम कहो..

..नितेश वर्मा..


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