Tuesday, 29 July 2014

..अब-तक गया नहीं..

..भूल गया हैं ना जानें कैसे वो चेहरा मेरा..
..कमरें के आईनें से जो अब-तक गया नहीं..

..बुलाता हैं हर शाम मेरें यादों का तिनका जिसे..
..कह दे जा के उसे दिल से वो अब-तक गया नहीं..

..मैं डूबा रहता हूँ अब भी किसी वादों पे उसके..
..कहा था जो उसनें होंठों से अब-तक गया नहीं..

..लो कर ली मैनें भी जब्त तुम्हारी ज़ज्बातों को..
..कहतें थें जो तुम देखों दिल से वो अब-तक गया नहीं..

..जिसकी यादों में गुजरी ये तमाम उम्र जिन्दगी हमारी..
..समेट के देखा जो उसे चेहरा था जो अब-तक गया नहीं..

..नितेश वर्मा..

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