Tuesday, 8 July 2014

Nitesh Verma Poetry

[1] ..ज़िन्दगी बर्बाद कर दिया उसने..
..मुहब्बत का नाम बता कर..
..मैं तमाम उम्र जीता रहा..
..उसमें बर्बाद होकर..!

[2] ..होता है क्या आशिकी ये बताता है मुझे..
..दिल मेरा ही लेके दिखाता हैं मुझे..
..टूट जाएं तो कोई शोर नही होता..
..दिल मेरा ही तोड के दिखाता है मुझे..!


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