होनी होगी तो फिर होगी बरसात
तू क्यूं मरें जा रहा है यूं ही बेबात।
तू तो अलग होके रह गया था ना
फिर क्यूं आ गई वहीं मुश्किलात।
जिंदा हैं तब तक जिक्र कर ले वो
मरने के बाद कहाँ होंगी ऐसी रात।
नेकियों का भी तो कुछ सिला हैं ये
बच्चे आये हैं करने जमीं जायदाद।
फिक्र ये तेरा नहीं उनका हैं वर्मा
कहते थे जो बदलेंगे ये तंगेहयात।
नितेश वर्मा
तू क्यूं मरें जा रहा है यूं ही बेबात।
तू तो अलग होके रह गया था ना
फिर क्यूं आ गई वहीं मुश्किलात।
जिंदा हैं तब तक जिक्र कर ले वो
मरने के बाद कहाँ होंगी ऐसी रात।
नेकियों का भी तो कुछ सिला हैं ये
बच्चे आये हैं करने जमीं जायदाद।
फिक्र ये तेरा नहीं उनका हैं वर्मा
कहते थे जो बदलेंगे ये तंगेहयात।
नितेश वर्मा
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