Nitesh Verma Poetry
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Wednesday, 22 July 2015
कुछ शे'र मुकम्मल तभी होते हैं
कुछ शे'र मुकम्मल तभी होते हैं, जब उसे सुनने वाला कोई अपना हो।
नितेश वर्मा और कोई अपना
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