बेफिक्र रहा है रात भर
दिल ये तन्हा खुद से हार कर
आके हैं ठहरा क्यूं यूं ही
ये नाम आखिर तेरे नाम पर
कोई कहानी है अगर
दिल की जुबानी है अगर
होठों से अपने तुम पढो
मेरा हाथ रखकर
अपने हाथ पर
थोड़ी शिकायत तुम करो
थोड़ा सा मुश्किल मैं लगू
हर बात को रखकर
इस बात पर
खुदको सबसे आजाद कर
मिल जा गलें मुझसे
कोई बरसात कर
बेफिक्र रहा है रात भर
दिल ये तन्हा खुद से हार कर
नितेश वर्मा और बेफिक्र
दिल ये तन्हा खुद से हार कर
आके हैं ठहरा क्यूं यूं ही
ये नाम आखिर तेरे नाम पर
कोई कहानी है अगर
दिल की जुबानी है अगर
होठों से अपने तुम पढो
मेरा हाथ रखकर
अपने हाथ पर
थोड़ी शिकायत तुम करो
थोड़ा सा मुश्किल मैं लगू
हर बात को रखकर
इस बात पर
खुदको सबसे आजाद कर
मिल जा गलें मुझसे
कोई बरसात कर
बेफिक्र रहा है रात भर
दिल ये तन्हा खुद से हार कर
नितेश वर्मा और बेफिक्र
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