जहाँ तक हो ये आवाज़ कर दो
सर हमारे भी इक ताज़ कर दो
किस साहिबेमसनद को बताएं
गूंगेबहरी वाली सामाज़ कर दो
हम ही इक मालिक है यहाँ के
इसे इश्तेहार तुम आज कर दो
कितना कुछ मुझमें वो छोड़ गई
बस उन्हें मुझमें इक राज़ कर दो
नितेश वर्मा
सर हमारे भी इक ताज़ कर दो
किस साहिबेमसनद को बताएं
गूंगेबहरी वाली सामाज़ कर दो
हम ही इक मालिक है यहाँ के
इसे इश्तेहार तुम आज कर दो
कितना कुछ मुझमें वो छोड़ गई
बस उन्हें मुझमें इक राज़ कर दो
नितेश वर्मा
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