Sunday, 26 July 2015

मुझे खबर नहीं कब निकल गये आँसू

मुझे खबर नहीं कब निकल गये आँसू
दिल परेशां हैं क्यूं यूं निकल गये आँसू।

रोका हैं यूं हर बार इसको खुद में मैंने
मिला जो तू तो यूं ये निकल गये आँसू।

कुछ कहने को हुए कभी हम भी बड़े
जिक्र जो आया तेरा निकल गये आँसू।

साया हर वक्त उमड़ता हैं मुझमें तेरा
तुझसे जान छूटा तो निकल गये आँसू।

क्यूं ये एहसास हर वक्त लगा है वर्मा
यूं ज़रा बुरा कहा तो निकल गये आँसू।

नितेश वर्मा और निकल गये आँसू।

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