मैं धीरे-धीरे उसका होने को हूँ
उसकी आवाजों में खोनें को हूँ
उसकी यादों में
दिल डूबा-डूबा रहता हैं
उसमें ही दिन-रात
हर फरियाद, हर कहीं-अनकही बात
हर वक्त उसमें ही रहा करता हैं
ये उसी में ठहरा रहता हैं
ये तुमसे ही मुहब्बत किया करता है।
नितेश वर्मा
उसकी आवाजों में खोनें को हूँ
उसकी यादों में
दिल डूबा-डूबा रहता हैं
उसमें ही दिन-रात
हर फरियाद, हर कहीं-अनकही बात
हर वक्त उसमें ही रहा करता हैं
ये उसी में ठहरा रहता हैं
ये तुमसे ही मुहब्बत किया करता है।
नितेश वर्मा
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