Thursday, 2 July 2015

उसकी बिगड़ती जुल्फें

उसकी बिगड़ती जुल्फें.. जो उसके गालों तक आयीं है.. आज वो फिर मुझे कितनी याद आयी हैं।

नितेश वर्मा और बिगड़ती जुल्फें

No comments:

Post a Comment