उसको कुछ और ही कहना था
यूं दर्दे-दिल को नहीं सहना था।
यूं दर्दे-दिल को नहीं सहना था।
अब वो रोती हैं हर पहर बैठकें
ऐसे तो उसको नहीं रहना था।
ऐसे तो उसको नहीं रहना था।
हमने कब कहा हलक में जां हैं
आँखों को जब यूंही बहना था।
आँखों को जब यूंही बहना था।
परेशां हैं तो खफा रहती है वो
तस्वीर मेरा जिसका गहना था।
तस्वीर मेरा जिसका गहना था।
मंजूर हैं हमें भी तू हर हाल में
वर्मा दुआओं में जिसे पहना था।
वर्मा दुआओं में जिसे पहना था।
नितेश वर्मा और कहना था
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