कुछ बात से कुछ बात तक
दिल मैं बेजुबाँ हूँ आज तक।
हारता हूँ तो तुझे थामता हूँ
लम्हा-लम्हा यूं जज्बात तक।
गुजरें है कुछ तेरे याद में ये
बहारें वो किसी बरसात तक।
बहोत पुराना जिस्म था वर्मा
जला मरकर वो यूं रात तक।
नितेश वर्मा और आज तक।
दिल मैं बेजुबाँ हूँ आज तक।
हारता हूँ तो तुझे थामता हूँ
लम्हा-लम्हा यूं जज्बात तक।
गुजरें है कुछ तेरे याद में ये
बहारें वो किसी बरसात तक।
बहोत पुराना जिस्म था वर्मा
जला मरकर वो यूं रात तक।
नितेश वर्मा और आज तक।
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