बात सँभाल के कितना अच्छा हुआ
दो घर बच गये कितना अच्छा हुआ।
वो बच्ची मुस्कुराती है भरे बाज़ार में
और कहीं सौदा कितना अच्छा हुआ।
किसी को भला मुझसे क्या मिला है
टूटा तारा लगा कितना अच्छा हुआ।
अभ्भी वो यूं बंद कमरे से है झांकता
चाँद जो खिला कितना अच्छा हुआ।
मुझे भी अब ये सुकून कहाँ है वर्मा
क्या कहें बात कितना अच्छा हुआ।
नितेश वर्मा और कितना अच्छा हुआ
दो घर बच गये कितना अच्छा हुआ।
वो बच्ची मुस्कुराती है भरे बाज़ार में
और कहीं सौदा कितना अच्छा हुआ।
किसी को भला मुझसे क्या मिला है
टूटा तारा लगा कितना अच्छा हुआ।
अभ्भी वो यूं बंद कमरे से है झांकता
चाँद जो खिला कितना अच्छा हुआ।
मुझे भी अब ये सुकून कहाँ है वर्मा
क्या कहें बात कितना अच्छा हुआ।
नितेश वर्मा और कितना अच्छा हुआ
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