कुछ खामोशियों में डूबा है जहां
तो कुछ खामोश हम भी है यहां।
सोचें तुमको भी हर बार जिंदगी
बीते कोई रात बिन तेरे है कहाँ।
उस गली में हैं प्यार की बातें यूं
शिकवा के क्यूं नहीं हम है वहां।
पल-पल आँखों से निकलता रहा
आँसू जाने इतना रहता है कहाँ।
नज़र आता है मुझमें बंजर मुझे
कोई प्यासा ढूंढता पता है जहाँ।
वो मुझको छोड़ गया मुझमें वर्मा
दिल मुन्तशिर यूं कबसे है यहाँ।
[मुन्तशिर = बिखरा हुआ ]
नितेश वर्मा और है यहाँ
तो कुछ खामोश हम भी है यहां।
सोचें तुमको भी हर बार जिंदगी
बीते कोई रात बिन तेरे है कहाँ।
उस गली में हैं प्यार की बातें यूं
शिकवा के क्यूं नहीं हम है वहां।
पल-पल आँखों से निकलता रहा
आँसू जाने इतना रहता है कहाँ।
नज़र आता है मुझमें बंजर मुझे
कोई प्यासा ढूंढता पता है जहाँ।
वो मुझको छोड़ गया मुझमें वर्मा
दिल मुन्तशिर यूं कबसे है यहाँ।
[मुन्तशिर = बिखरा हुआ ]
नितेश वर्मा और है यहाँ
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