Tuesday, 25 August 2015

मेरे पास तो तेरी हर बातों का जवाब है

मेरे पास तो तेरी हर बातों का जवाब है
मुझसे ना मुँह लग मेरी आदत खराब है।

मैं जिंदा हूँ, तो इक जिद से मिलता रहा
लोग हम मरने के बाद तो बस राख है।

मैं जानता हूँ इक दिन मुठ्ठी में होंगे सब
मेरे निगाहों में तो आज बस ये सराब है। [सराब = मृग-मृचिका]

जिन राहों पे धुँआ था आज वहाँ ख्वाब है
बच्चों से जा के पूछो यही तो इंकलाब है।

नितेश वर्मा और  मेरी आदत खराब है।

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