तो सुनों मेरी इन ख्वाहिशों को भी दबा दो
फिर मेरे मरने के बाद इनको भी जला दो।
के जब तक जिंदा हूँ मैं इक पागल हूँ वर्मा
चुप हो जाउँ तो फिर कहीं और दफना दो।
नितेश वर्मा और कहीं और
फिर मेरे मरने के बाद इनको भी जला दो।
के जब तक जिंदा हूँ मैं इक पागल हूँ वर्मा
चुप हो जाउँ तो फिर कहीं और दफना दो।
नितेश वर्मा और कहीं और
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