Nitesh Verma Poetry
Home
�� Home
Poetry
Articles
Story
Contact
Contact
Friday, 28 August 2015
इस शहर नें मुझको यूं रूलाया बहोत हैं।
मुझको यकीन हैं की ये वक्त भी बदलेगा
इस शहर नें मुझको यूं रूलाया बहोत हैं।
नितेश वर्मा
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment