Friday, 28 August 2015

इस शहर नें मुझको यूं रूलाया बहोत हैं।

मुझको यकीन हैं की ये वक्त भी बदलेगा
इस शहर नें मुझको यूं रूलाया बहोत हैं।

नितेश वर्मा

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