मेरे दिल की आवाज है तिरंगा
दुआओं भरी नमाज है तिरंगा।
सबकी जुबाँ पर बसती रही है
सुरों से सजी ये साज है तिरंगा।
बिन पंख के जी रहा हूँ फकत
मेरी जां मेरी परवाज है तिरंगा।
अरसों से सँभाली है मैंने वर्मा
रामराज्य की समाज है तिरंगा।
नितेश वर्मा और तिरंगा
दुआओं भरी नमाज है तिरंगा।
सबकी जुबाँ पर बसती रही है
सुरों से सजी ये साज है तिरंगा।
बिन पंख के जी रहा हूँ फकत
मेरी जां मेरी परवाज है तिरंगा।
अरसों से सँभाली है मैंने वर्मा
रामराज्य की समाज है तिरंगा।
नितेश वर्मा और तिरंगा
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