बात जब हिसाब से आगे निकल जाएं तो क्या होगा
पत्थर उसके हाथ का मेरे सर होगा और क्या होगा
मुझको परवाह लगीं थीं उसकी उस जमाने में वर्मा
जिसकी जुबां पे अखबार था उससे प्यार क्या होगा
नितेश वर्मा और बिन मूड शायरी।
पत्थर उसके हाथ का मेरे सर होगा और क्या होगा
मुझको परवाह लगीं थीं उसकी उस जमाने में वर्मा
जिसकी जुबां पे अखबार था उससे प्यार क्या होगा
नितेश वर्मा और बिन मूड शायरी।
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