हाथों को लगाम दो थोड़ा कम लिखो
उसने मुझसे कहा है थोड़ा कम लिखो।
जो कुछ भी लिखो मुझसे ही लिखो यूं
अपने दिल की बात थोड़ा कम लिखो।
गैर के हिसाब से चल रहा है सबकुछ
रिश्तों की वजह ये थोड़ा कम लिखो।
मर जाऐंगे तो नसीब होगा आसमां ये
परिंदों की उड़ान थोड़ा कम लिखो।
बहोत प्यास छुपा के रक्खी है हमने
बादलों की आस थोड़ा कम लिखो।
ये कोई गुनाह है जो मुहब्बत हैं मुझे
वर्मा किताबी बात थोड़ा कम लिखो।
नितेश वर्मा और थोड़ा कम लिखो।
उसने मुझसे कहा है थोड़ा कम लिखो।
जो कुछ भी लिखो मुझसे ही लिखो यूं
अपने दिल की बात थोड़ा कम लिखो।
गैर के हिसाब से चल रहा है सबकुछ
रिश्तों की वजह ये थोड़ा कम लिखो।
मर जाऐंगे तो नसीब होगा आसमां ये
परिंदों की उड़ान थोड़ा कम लिखो।
बहोत प्यास छुपा के रक्खी है हमने
बादलों की आस थोड़ा कम लिखो।
ये कोई गुनाह है जो मुहब्बत हैं मुझे
वर्मा किताबी बात थोड़ा कम लिखो।
नितेश वर्मा और थोड़ा कम लिखो।
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