Nitesh Verma Poetry
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Wednesday, 5 August 2015
कोई कभी गंगा में पाप धोता है
कोई किसी को कहाँ तक साथ लेकर चलता है
कोई कभी गंगा में पाप धोता है
तो कोई हाथ हवा में हिला के चलता है।
नितेश वर्मा और कोई
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