Saturday, 15 August 2015

नितेश वर्मा और ख्याल

[1]
ख्यालों में खो जाता हैं दिल कहीं
जब गाल पर हाथ जाता हैं कभी

[2]
ख्यालों को बे-आबरू करते हैं
आओ कुछ बद्दतमीज़ होते हैं

नितेश वर्मा और ख्याल

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