Sunday, 11 October 2015

समय

समय के बाद अगर आपको कुछ मिलता हैं तो उसका औचित्य ना के बराबर होता हैं.. ठीक उसी प्रकार.. अगर कोई सोच आपकी समझ को समय से पहले प्राप्त हो जाता हैं तो उसका वर्चस्व आपको आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देता हैं.. और आदतन आप भाग-दौड़ की जिंदगी में उसे एक वजह का नाम देकर टाल देते हैं। लेकिन नियति.. इंसानी मतभेद या इंसानों के प्रारूप से तय नहीं होता इसलिये.. इंसान को निरंतर प्रयास करते रहना चाहिये। जीत पक्की मिलेगी.. जीत आपकी पक्की होगी.. ये प्रमाणित बात हैं।

नितेश वर्मा और समय।

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