यकीनन हर बार की तरह इस बार भी होगा
वो जलाया जायेगा तो रंगा अखबार भी होगा
कौन कहता है जमाना मेरा कुछ कहता नहीं
वक्त चुनावी हो तो देखना समाचार भी होगा
तुमको जो यकीन ना हुआ मेरे गुजर जाने पे
मैंने कहाँ ही कब था ये कभी प्रचार भी होगा
अब बातें बदलकर मुद्दा ढूंढते हैं लोग वर्मा
नहीं लगता बाद इसके वो इश्तेहार भी होगा
नितेश वर्मा
वो जलाया जायेगा तो रंगा अखबार भी होगा
कौन कहता है जमाना मेरा कुछ कहता नहीं
वक्त चुनावी हो तो देखना समाचार भी होगा
तुमको जो यकीन ना हुआ मेरे गुजर जाने पे
मैंने कहाँ ही कब था ये कभी प्रचार भी होगा
अब बातें बदलकर मुद्दा ढूंढते हैं लोग वर्मा
नहीं लगता बाद इसके वो इश्तेहार भी होगा
नितेश वर्मा
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