Friday, 16 October 2015

अगर खाली हुआ आसमान तो क्या हुआ

अगर खाली हुआ आसमान तो क्या हुआ
बिखरा सा ही हुआ इन्सान तो क्या हुआ।

मुर्दाशहर में जिंदा लोग जलायें जा रहे है
शहर का यूंही हुआ वीरान तो क्या हुआ।

बड़े शहादत की उम्मीद लगाके रक्खें थे
नहीं शख्स हुआ मुसलमान तो क्या हुआ।

पैरों पे कंकड़ बाँध के दौड़ती रही साँसें
जन्म प्यासा हुआ अरमान तो क्या हुआ।

बस वो बेवकूफ बचके निकल गये वर्मा
आग लगाकर हुआ महान तो क्या हुआ।

नितेश वर्मा और तो क्या हुआ।

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