Friday, 16 October 2015

यूं ही एक ख्याल सा

यूं ही एक ख्याल सा..

ऐसी बारिशें हो जाया करें.. तुम किसी गली के मोड़ पे ठहरी हुई मिल जाओ.. तो बहोत अच्छा लगता हैं.. बिलकुल एक खूबसूरत मकाम सा। 😘
पर..
जब भी ये मौसम मेरा साथ ऐसे देती हैं.. नजानें क्यूं तुम्हें जाने की जल्दी होती हैं।

नितेश वर्मा और बारिश ☔।

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