कोई गम हैं तो आकर बताओ जरा
गमें-हालत मुझको भी सुनाओ जरा।
मैं तो यूं तेरे ही इंतजार में पागल हूँ
कभी नजरें इधर भी फरमाओ जरा।
तुम बेबाक हवा सी मुझमें रहती हो
मैं जुल्फ तेरा मुझे सुलझाओ जरा।
रो रही हैं आँखें शहर की खबरों पे
इल्जाम बेखौफ तुम लहराओ जरा।
इतनी सी ही मौइदत माँगी थी वर्मा
लबों पे इश्क़-ए-हर्फ दुहराओ जरा।
नितेश वर्मा और जरा।
गमें-हालत मुझको भी सुनाओ जरा।
मैं तो यूं तेरे ही इंतजार में पागल हूँ
कभी नजरें इधर भी फरमाओ जरा।
तुम बेबाक हवा सी मुझमें रहती हो
मैं जुल्फ तेरा मुझे सुलझाओ जरा।
रो रही हैं आँखें शहर की खबरों पे
इल्जाम बेखौफ तुम लहराओ जरा।
इतनी सी ही मौइदत माँगी थी वर्मा
लबों पे इश्क़-ए-हर्फ दुहराओ जरा।
नितेश वर्मा और जरा।
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