जान यूंही चली जाती हैं मुठभेड़ों में
कौन यूंही बोलें औरों के लफेड़ो में।
इतने आसान से शक्लों में ढल गए
जिनको ता-उम्र तराशा तस्वीरों में।
नितेश वर्मा
कौन यूंही बोलें औरों के लफेड़ो में।
इतने आसान से शक्लों में ढल गए
जिनको ता-उम्र तराशा तस्वीरों में।
नितेश वर्मा
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