बेखौफ रास्तों पे चलने का भी एक दौर आयेगा
मगर जब तक आयेगा वक्त कोई और आयेगा।
यूं तो मेरे मत्थे चढे हैं सारे निहत्थों की जिन्दगी
अब शहर में खून करने वो आदमखोर आयेगा।
दुनियादारी के हिस्से में सिर्फ सियासत ही हैं यूं
नाजानें कौन ईश्क में कभी करने गौर आयेगा।
सभी मुद्दे अफवाहों की पनाह में रहते हैं वर्मा
जो झूठ को झूठ बोलें कब उसे वो तौर आयेगा।
नितेश वर्मा
मगर जब तक आयेगा वक्त कोई और आयेगा।
यूं तो मेरे मत्थे चढे हैं सारे निहत्थों की जिन्दगी
अब शहर में खून करने वो आदमखोर आयेगा।
दुनियादारी के हिस्से में सिर्फ सियासत ही हैं यूं
नाजानें कौन ईश्क में कभी करने गौर आयेगा।
सभी मुद्दे अफवाहों की पनाह में रहते हैं वर्मा
जो झूठ को झूठ बोलें कब उसे वो तौर आयेगा।
नितेश वर्मा
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