Nitesh Verma Poetry
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Tuesday, 15 September 2015
आपके सवालों से मैं परेशान हूँ
आपके सवालों से मैं परेशान हूँ
मैं अपनी नज़र में तो नादान हूँ।
आप जब चाहे करें जो दिल्लगी
मैं तो आपके घर का दिवान हूँ।
नहीं होती उम्र कुछ जो तू होती
कुछ बातों से मैं भी अन्जान हूँ।
अब लौट आये है तेरे गाँव वर्मा
ले के ख्याल मैं ही तेरी जान हूँ।
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