Sunday, 13 September 2015

जुल्फें सवर जाऐंगी

जुल्फें सवर जाऐंगी
बादल बरसने के बाद
आँखें भी थम जाऐंगी
बादल बरसने के बाद
लबों की सख्ती
खुल के बरस के चुप है
शिकन चेहरे पे है
मुहब्बत लम्हे
शायद अब शुरू हो।

नितेश वर्मा और मुहब्बत।

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