Tuesday, 15 September 2015

ओस की बूंद तुम, मैं ठहरा हुआ जमीं तेरा

ओस की बूंद तुम, मैं ठहरा हुआ जमीं तेरा
पहली सुबह की धूप तुम, मैं एक कतरा तेरा
तू ही है हर लम्हा मुझमें, मैं हूँ जुल्फ तेरा
बारिश की फुहार तुम, मैं प्यासा घटा तेरा
दिल की एहसास हो तुम, मैं हर वफा तेरा
उस शहर की सौदागर तुम, मैं फकीर तेरा
आ जाये हर घड़ी वो याद तुम, मैं पल तेरा
ठहरी साँसों की रवानी तुम, मैं धड़कन तेरा
ओस की बूंद तुम, मैं ठहरा हुआ जमीं तेरा

नितेश वर्मा

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