Tuesday, 1 September 2015

मैं डरता हूँ

कुछ मेरे अंदर ही अंदर चलता रहता हैं
मेरी खामोशियाँ कुछ ख्वाब बुनती हैं
मैं डरता हूँ
हर बार की तरह
इस बात से
जानें ये भी मुझसे छूटा तो क्या होगा।

नितेश वर्मा और क्या होगा।

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