Sunday, 6 September 2015

किसको पता है वो कब कामयाब होगा

किसको पता है वो कब कामयाब होगा
हुनरमंदी कभी तो किसी रोजगार होगा।

वो बस इसी ख्याल से हर रोज़ निकले है
कभी तो इंसान उसका मददगार होगा।

हिसाबों में ही गुजारी है ये जिंदगी हमने
कब कोई हो जो मुझसे वफादार होगा।

उसकी जुल्फों से रौशनी हरपल है वर्मा
आँखें कभी वो मेरा भी तलबगार होगा।

नितेश वर्मा

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